श्री हरिकेष सैनी
अमेरिका में फहराया जीत का परचम जीता गोल्ड मेडल
गोरखपुर। जिदंगी की असली उड़ान बाकी है जिंदगी का कई इम्तेहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन हमनें अभी तो सारा आसमान बाकी है। कुछ ऐसा ही जज्बा लेकर अपनी किस्मत का तारा चमकाने निकले मैराथन धावक हरिकेश ने कोरोना संक्रमण काल के बाद अमेरिका में हुए पहले मैराथन दौड़ में जीत का परचम लहराते हुए पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
ओलम्पिक में भारत के लिए मेडल लाने का सपना लिए अमेरिका के टेक्सास में तैयारी कर रहे हरिकेश ओलंपिक से पहले अमेरिका में होने वाले सभी रिकॉर्ड अपने नाम करने की तैयारी में है। क्रांतिकारियों की धरती चौराचौरा के एक छोटे से गांव अहिरौली के रहने वाले हरिकेश देश के लिए कुछ बेहतर करने का अरमान लेकर गांव की पगडंडियों से दौड़ते हुए अमेरिका तक पहुंच गए। जापान में होने वाले ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने का सपना लिए अमेरिका के टेक्सास में तैयारी कर रहे हरिकेश को किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है। बावजूद इसके तमाम परेशानियों से जूझने वाले हरिकेश ने परेशानियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अमेरिका में जीत का परचम फहरा कर अपने मजबूत हौसले का आगाज किया है। इस दौड़ को जीतकर हरिकेश ने यह साबित कर दिया है कि उसके हौसलों के उड़ान को कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। अमेरिका के टोयोटा में 27 मार्च को हुई इस 10किमी मैराथन दौड़ में हरिकेश ने अमेरिका के 28 वर्षीय धावक ट्रिपलाई सहित पांच हजार धावकों को पछाड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। इस दौड़ में कई देशों के 5 हजार से ज्यादा धावकों ने भाग लिया।
हरिकेश से फोन पर हुई बातचीत मैं बताया कि इस दौड़ में भाग लेने के लिए मुझे 13 घंटे बस में सफर करना पड़ा। बस से उतरने के बाद मैं रास्ता भटक गया। किसी तरह रात के दो बजे प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचा और दौड़ भाग लिया। इस मैराथन में उसे निःशुल्क एंट्री मिली थी। उसे बताया कि मेरी सर्तमान टाईमिंग बेहतर थी। इसलिए आयोजन समिति ने निःशुल्क प्रवेश दिया था और मैने आयोजन समिति के फैसले को सच करके दिखा दिया। कोराना काल के बाद अमेरिका को कई सड़ी कंपनियों ने मिलकर यह सबसे पहली प्रतियोगिता कराई। इस रैस को फिनिश । हरिकेश ने जो टाइम लिया उससे यदि भारत में ओलपिंक की तैयारी कर रहे धावकों से तुलना किया जाए तो हरिकेश उनसे काफी आगे है। हरिकेश ने बताया कि अगले पन्द्रह दिन एक और रेस होने वाली सभी रैसों का रिकार्ड अपने नाम कर अपने देश का नाम रौशन कर सक।