21वर्षीय श्री अमन सैनी ने एशियाड में रजत जीत बढ़ाया देश का गौरव

21वर्षीय श्री अमन सैनी ने एशियाड में रजत जीत बढ़ाया देश का गौरव

नई दिल्ली। एशियाड में समाज के युवाओं ने किया कमाल। 21 वर्षीय युवा तीरंदाज अमन सैनी ने अपने पहले ही टूर्नामेंट में जीता रजत पदक जीत कर देश को गौरवान्वित किया है। समाज के युवा तीरंदाज अमन सैनी ने एशियाड 2018 में टीम इवेंट तीरंदाजी में रजत पदक जीता।

माली सैनी संदेश परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। नांगलोई के अमन सैनी और उसकी टीम ने जकार्ता मे एशियन गेम के आरचरी में रजत पदक प्राप्त किया। अमन सैनी और उनकी टीम ने देश का अपना और अपने परिवार का नाम आज पूरे विश्व मे रोशन किया। अमन सैनी नांगलोई गाँव के शिव कुमार सैनी के सुपुत्र है और भाजपा नेता सुरेन्द्र सैनी जी के भतीजे है।

अमन सैनी के नांगलोई के पीरागंढ़ी मेट्रो स्टेशन पर विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं के साथ आरडब्ल्यूए द्वारा स्वागत किया गया, फिर विद्यालय से रोहतक रोड़ होते हुए सैनी चैपाल के रास्ते में दोनों ओर लोगों ने अमन सैनी का भव्य स्वागत किया तथा अमन सैनी जिंदाबाद की गुंज सुनाई दे रही थी। सैनी चैपाल पहुंचने पर अमन सैनी के दादाजी व दादीजी ने अपना आशीर्वाद दिया। अमन सैनी का सी. आर. सैनी सेकण्डरी स्कूल में प्रधानाचार्य संजीव सैनी के द्वारा स्वागत किया गया। सैनी सेवा समित के द्वारा भी अमन सैनी को का स्वागत किया गया इस अवसर पर राजस्थान से भी काफी संख्या में लोग आए थे। अमन सैनी ने बताया कि उसने आर्चरी की शुरूआत इंडियन राउंड से की थी। इंडियन राउंड इंटरनेशनल स्तर पर आयोजित नहीं होने के कारण अमन से कंपाउंड की तरफ रूख किया क्योंकि कंपाउंड का तीरंदाजी एक्यूपमेंट काफी महंगा होता है इसलिए उन्होंने पैसे उधार लिए इसके बाद कंपाउंड राउंड का अभ्यास आरंभ किया।

कंपाउंड राउण्ड में मेडल जीतने के बाद उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से जो स्कॉलरशिप मिली उस राशि से एक्यूपमंट लेने के लिए जो उधार रूपये लिए वह चुकता किया। कंपाउंड राउंड का तीरंदाजी एक्यपमेंट के साथ ही तीर भी काफी महंगे होते है। ऐसे में वह इनाम के जो पैसे मिलते है, उसे इय खेल की दूसरी जरूरतों पर खर्च करते थे और उधार चुकाते थे।

ताइक्वांडो के स्टेट मेडलिस्ट

उनका रिचमंद ग्लोबल स्कूल पश्चिम विहार में एडमिशन ही ताइक्वांडो में स्टेट स्तर पर मेडल जीतने के बाद हुआ था। ताइक्वांडो कोच संजय कुमार ने स्कूल में चलने वाले आर्चरी एकेडमी के कोच सुरेन्द्र कुमार से मिलाया। उन्होंने आर्चरी एकेडमी में जाकर दूसरे बच्चों से तीर लेकर चलाया तो उनका निशाना सटीक लगा। जिसके बाद सुरेन्द्र कुमार व संजय कुमार ने उन्हें आर्चरी में केरियर अपनाने के लिए प्रेरित किया। औरन उसके बाद ही ताइक्वांडो को छोड़ आर्चरी का अभ्यास उन्होंने शुरू किया।

सीनियर स्तर पर भी देश के लिए खेल चुके है अमन सैनी अमन कुमार सैनी ने वल्र्ड यूनिवर्सिटी तीरंदाजी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया है तथा 2017 के एशियन कप सीनियर टीम इंवेट का गोल्ड भी भारत को दिलवा चुके है।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका