सीमा समृद्धि कुशवाहा

सीमा समृद्धि कुशवाहा

फेम इंडिया मैगजीन- एशिया पोस्ट सर्वे के 25 सशक्त महिलाओं 2020 की सूची में सीमा समृद्धि कुशवाहा
निर्भया के गुनहागारों को फांसी के फंदे पर पहुंचा समाज की बेटी ने दिलाया न्याय

नई दिल्ली। सीमा कुशवाहा के अथक परिश्रम से निर्भया के दरिंदों को हुई फांसी। हमें गर्व है समाज की बेटी पर जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी हार नही मानते हुए 7 सालों तक निर्भया को न्याय दिलाने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ डटी रही।

निर्भया आपको न्याय दिला कर एक सुकून है लेकिन आपके दर्द को कम नहीं कर सके थे। और देश हजारों बेटियाँ आज भी इसी दर्द में जी रही हैं। सिस्टम कब सक्रिय रूप से कार्य करेगा? – एडवोकेट सीमा कुशवाहा

मजलूमों की सशक्त आवाज हैं सीमा समृद्धि कुशवाहा

अपने छोटे से कैरियर में ही देश के सर्वाधिक चर्चित वकीलों में अपना नाम शुमार कर चुकीं सीमा समृद्धि कुशवाहा अब किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप के अपराधियों को फांसी दिलवाने के लिए दिन-रात एक कर देने वाली सीमा वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। वे बचपन से ही बेहद मेधावी थीं। उन्होंने राजनीति-शास्त्र में पीजी करने के अलावे मास कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) का कोर्स भी किया है।

शुरू से ही समाजसेवा और सुधार के क्षेत्रों में बहुत कुछ करना चाहती थीं, इसलिए इन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की।

उत्तर प्रदेश के इटावा के चंबल क्षेत्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार में बी. डी. कुशवाहा के घर में 10 जनवरी,1982 को जन्मी सीमा बचपन से ही बड़े लक्ष्यों वाली और जुझारू स्वभाव की रही हैं। चंबल जैसे दर्गाम, असुरक्षित और दकियानूसी क्षेत्र में रहने के बावजूद उन्होंने उस माहौल में भी कई-कई किलोमीटर दूर जा कर अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की। पिता का सहयोग उन्हें हमेशा मिला। उनके पिता क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले ग्राम-प्रधान थे।

सीमा समृद्धि कुशवाहा ने वर्ष 2006 में लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 2007 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत की शुरूआत की। वे वास्तव में सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थीं लेकिन यूपीएससी द्वारा वर्ष 2011 में पाठ्यक्रम में अचानक किये गये बदलाव ने उनकी तैयारियों पर विपरीत असर डाला। वे इस बदलाव के विरुद्ध चले आंदोलन की अगुवा भी रही हैं।

समाज के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे अन्याय को देखते हुए इन्होंने वकालत के जरिये ही गरीबों और मजलूमों को न्याय दिलाने का मार्ग चुना। वर्ष 2012 में निर्भया के साथ हुए घिनौने अपराध ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। उन्होंने तब ही निर्धारित कर लिया था कि निर्भया के दरिंदों को फाँसी के फंदे तक पहुँचा कर रहेंगी। इंदिरा गांधी को अपना आदर्श मानने वाली सीमा समृद्धि राजनीति में आ कर बड़े नेतृत्व को निभाने की भी तैयार में हैं। वे राजनीति को समाज में बदलाव का सशक्त माध्यम मानती हैं। वर्तमान में सीमा ‘‘निर्भया समृद्धि ट्रस्ट’’ व ‘‘महात्मा ज्योतिबा फुले फाउण्डेशन’’ की लीगल एडवाइजर हैं।

समाजसेवी के रूप में सीमा सैकड़ों लोगों की मदद कर रहीं है जिनमें रेप, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं ज्यादा हैं। वे देश भर के कई ऐसे मामलों में वकील हैं।

समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ ही देश विदेश से निर्भया को न्याय दिलाने के लिए सीमा कुशवाहा को हार्दिक बधाई प्रेषित की। हमें समाज की होनहार युवा अधिवक्ता की काबिलियत पर गर्व है आप समाज की युवा पीढ़ी एवं मातृ शक्ति के लिए आदर्श है।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका