फिल्म एवं टीवी इण्डस्ट्रीज की कॉस्टयूम डिजाइनर श्रीमती रितू देवड़ा

फिल्म एवं टीवी इण्डस्ट्रीज की कॉस्टयूम डिजाइनर श्रीमती रितू देवड़ा

शायद बहुत कम लोग जानते ये जानते है कि परदे पर ‘जस्सी’ को जस्सी का रूप देने वाली ‘रितू देवडा’ तो खुद हकीकत की जिन्दगी में किसी ‘जस्सी’ से कम नही है। जी हाँ श्रीमती रितू देवड़ा और कोई नही बल्कि हमारे ही माली समाज का एक हिस्सा है, जिसने जोधपुर के नागौरी बेरा के ही श्री रामसिंह जी कच्छवाहा के घर जन्म लिया और जोधपुर में ही पली-बढ़ी हैं। मगर इनका असली सफर शुरू होता है जब इन्होंने जोधपुर के ही बागर चैक में रहने वाले श्री किशनलाल जी देवड़ा के पुत्र राजेन्द्र कुमार देवड़ा से शादी करके उनके साथ बम्बई आ गयी।

श्री राजेन्द्र कुमार देवड़ा स्वयं 1986 से ही फैशन की दुनियाँ से जुड़े हुए है। वे 1983 में बम्बई चार्टड एकाउन्टेन्सी का कोर्स करने के उद्देश्य से आये मगर 3 साल सी.ए. करने के बाद उन्होंने अपने आपको रेडिमेन्ट गारमेन्ट के उभरते भविष्य की ओर आकर्षित पाकर उस दिशा में काम करने लगे अपनी सुझबुझ और मेहनत से वो भी आज गारमेन्ट लाइन के देश के गिनेचुने ‘टेक्लोकोमर्शियल’ लोगो में से एक माने जाते है। यही वजह है कि वे देश की बड़ी टेक्टाइल मिल ‘सियाराम सिल्क मिल्स’ के गारमेन्ट डिविजन ‘ऑक्समबर्ग’ में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत है जिनकी देखरेख में कम्पनी प्रतिदिन 4000 गारमेन्ट बनाती है जो हमारे देश के साथ साथ विदेशों में भी निर्यात किये जाते है।

श्रीमती रितू देवड़ा शादी करके जब मुम्बई आयी तो यहाँ अपने पति के व्यस्त कार्यकाल की वजह से उनके पास दिन में 8 से 10 घन्टे खाली समय मिलने लगा जिसे खाली बैठ कर वैसे ही गंवाना श्रीमती रितू को उचित नही लगता था, उन्हें लगता था कि मेरे पति इतनी मेहनत करते है तो उनसे प्रेरित होकर श्रीमती रितू ने भी कुछ न कुछ करने का सोचा, काफी समय तो इसी उधेड़ बुन में निकल गया फिर पति-पत्नी ने सलाह करके ये सोचा कि कोई ऐसा क्षेत्र चुना जाय जिसमें उन्हें राजेन्द्रजी की भी मदद मिल सके। आखिर उन्होंने डिजाइनिंग शुरू करने का तय किया और सबसे पहले इन्होंने पति की मदद ली। उनके दोस्त जो कि पहले लाइन में कार्यरत थे राजा बुन्देला एवम् सतीश कौशिक की सलाह पर कार्य शुरू किया। सबसे पहले उनकी ही टी.वी. सीरियल ‘ओ मारिया’ और ‘ये शादी नहीं हो सकती’ के किरदारों के कपड़ो की डिजाइनिंग शुरू की और फिर तो पहचान, कपड़ो की जानकारी एवम् काम करने की क्षमता सभी का मिला जुला परिणाम ये हुआ कि फिर रितू को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।

आज श्रीमती रितू का नाम टेलिविजन जगत में बड़ी ही इज्जत से लिया जाता है। टी.वी. के कास्टयुम डिजाइनिंग क्षेत्र में तो श्रीमती रितू को नम्बर वन का दर्जा हासिल है। आप कोई भी बड़े और अच्छे सीरियल की तरफ नजर डालेंगे तो पायेंगे उसके कपड़े श्रीमती रितू द्वारा डिजाइन किये गये है। श्रीमती रितू देवड़ा के मुंबई में अनेकों बुटिक है तथा अपने गृह नगर जोधपुर में भी आपने अपना बुटिक अफीम व रेस्टोरेंट द रॉकयार्ड खोला हुआ है जो अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है। वह कहती है कि किसी भी काम के प्रति शत प्रतिशत समर्पण ही हमें सफलता दिला सकता है क्योंकि जब किसी काम को सच्चे दिल से हम करते है तो योग्यता भी अपने आप ही हासिल होती है और काम की योग्यता ही हमें सफल भी बनाती है।

रितू की सफलता की श्रेणी में चार चाँद और लग गये जब टेलिविजन जगत में भी पहली बार एवार्ड की घोषणा की गयी और पहली बार ‘बेस्ट कास्टयूम डिजाइनर ऑफ दी इयर’ का एवार्ड भी रितू को ही उनके द्वारा डिजाइन किये गये कपड़ों को जो कि ‘देश में निकला होगा चाँद’ के लिये दिया। जो कि काफी गर्व की बात है। आज लगभग सभी टी. वी. चैनलों के सैकड़ों धारावाहिकों में श्रीमती रितू देवड़ा के डिजाईन किए गए कॉस्टयूमकी सभी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते है माली सैनी संदेश परिवार को समाज की श्रीमती रितू देवड़ा पर गर्व है जिन्होंने अल्प समय में टी.वी. इण्डस्ट्रीज में जो अपना मुकाम पाया है वह हम सभी को गौरवान्वित करता है। हम श्रीमती रितू देवड़ा के उज्ज्वलत्तम भविष्य की मंगल कामना करते है।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका