श्री देवेन्द्र कच्छवाहा बनें राजस्थान हाईकोर्ट के जज

जोधपुर। भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद ने हाईकोर्ट में खाली पड़े जजों की रिक्तियां पर आदेश निकाला। राजस्थान हाईकोर्ट में 6 जजों की नियुक्ति की गई, जिसमें समाज के श्री देवेन्द्र कच्छवाहा जो कि वर्तमान में बालोतरा के जिला न्यायाधीश पर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।

हमारे समाज के लिए गौरव का विषय है इससे पूर्व जस्टिस स्वर्गीय श्रीमान कानसिंह परिहार पहले हाइकोर्ट जज बने थे। उसके पश्चात जस्टिस श्रीमान अशोक परिहार ने यह गौरव प्राप्त किया था जस्टिस देवेंद्र जी कच्छवाह समाज से तीसरे हाईकोर्ट जज है जिन्होंने अपनी कार्य कुशलता, सत्यनिष्ठा, ईमानदारी एवं उत्कृष्ट न्यायिक निर्णयों से यह उपलब्धि प्राप्त की है।

संक्षिप्त जीवन परिचय

आदरणीय श्री देवेंद्र कच्छवाहा का जन्म 3-5-1960 को प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं फुटबॉल खिलाड़ी स्वर्गीय श्रीमान बंशीलाल कच्छावाहा निवासी चैका चांद पोल जोधपुर के घर छोटे बेटे एवं तीसरी संतान के रूप में हुआ था। आपकी माताजी श्रीमति विद्यावती किसान कन्या पाठशाला नागोरी बेरा व बाल विद्या पीठ पुत्री पाठशाला सूरसागर में अध्यापिका रही थी।

आपने स्कुल शिक्षा राजकीय नवीन उच्च माध्यमिक विद्यालय जोधपुर से करने के बाद बी. ए. और एल. एल. बी. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से की।

वर्ष 1995 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जोधपुर का जनरल सैक्रेटरी बनने के बाद वर्ष 2001 में सीधे राजस्थान उच्च न्यायिक सेवा में चयन हुआ इस बीच नगर निगम, नगर विकास न्यास और खनन विभाग के भी आप अधिवक्ता रहे।

भीलवाड़ा, कोटा, उदयपुर, सवाई माधोपुर और बालोतरा के जिला न्यायाधीश पद पर आपने सेवाएं दी। आप रजिस्ट्रार एडमिनिस्ट्रेशन, राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर तथा राजस्थान न्यायिक सेवा अकादमी के निदेशक रहते हुए आपने अपनी ईमानदारी कार्यशैली और उत्कृष्ट निर्णयों से अनेकों आयाम स्थापित किये।

श्री देवेन्द्र कच्छवाहा के हाईकोर्ट जज बननें पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा बधाईयां प्रेषित की गई। साधारण, सरल परिवार से हाईकोर्ट जज बनने तक का सफर में श्री देवेन्द्र कच्छवाहा ने सादे सरल जीवन शैली के साथ, हंसमुख स्वभाव एवं न्याय के लिए जाने जाते है। उनके हाईकोर्ट जज बननें पर समाज के साथ साथ जोधपुर को भी गौरवान्वित किया है हम सभी को आप पर गर्व है।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका