रोमन सैनी ने दोस्त के साथ मिलकर 5 साल पहले शुरू की अनएकेडमी

आज यह 11 हजार करोड़ रूपए की कंपनी बनी, दुनिया में एजुकेशन में छठे नंबर पर।
दूसरों की जिंदगी गढ़ने के लिए गौरव ने एमएनसी व रोमन ने आईएएस की नौकरी छोड़ी
अनएकेडमी पर 35 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी 18 हजार एजुकेटर कराते हैं

यह कहानी जयपुर के रहने वाले दो दोस्तों गौरव मुंजाल और रोमन सैनी की है। दूसरों की जिंदगी गढ़ने की इनकी जिद और जुनून ने 5 साल पहले शुरू की गई इनकी कंपनी अनएकेडमी को देश की 200 कंपनियों के क्लब में शामिल करवा दिया। अनएकेडमी आज ऑनलाइन एजुकेशन के प्लेटफार्म पर दुनिया की छठे पायदान पर है। कंपनी की वर्तमान वैल्यूएशन 11 हजार करोड़ (1.45 बिलियन डॉलर) है।

कंपनी की शुरुआत करने वाले गौरव मुंजाल ने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ी। उनके पिता डॉ. ईश मुंजाल शहर के प्रख्यात डॉक्टर हैं। वहीं, रोमन सैनी ने आईएएस की सेवा में चयनित होने के 6 महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया।

गौरव मुंजाल ने यू-ट्यूब पर कॉलेज के दौरान इसकी शुरुआत की

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने देशभर के स्टार्टअप को बुलाया और उसमें से गौरव और रोमन भी एक थे। गौरव मुंजाल ने यू-ट्यूब पर कॉलेजके दौरान इसकी शुरुआत की। फिर अपने दोस्त आईएएस रोमन सैनी को 2015 में इसे आगे बढ़ाने के लिए साथ आने को कहा। रोमन ने नौकरी छोड़ी और गौरव के साथ आ गए।

35 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी 18 हजार एजुकेटर कराते हैं

यू-ट्यूब और ऐप पर अनएकेडमी सबसे ज्यादा देखा जाता है। 35 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी 18 हजार एजुकेटर कराते हैं। अनएकेडमी वाईफाई, प्रेप लेडर, कोड शेफ, मास्टरी जैसी कंपनी एक्वायर कर चुकी है। यही नहीं सॉफ्ट बैंक, सिकोवा, फेसबुक, जनरल एटलांटा आदि कंपनियों ने अनएकेडमी में पैसा लगाया। अनएकेडमी के 3.5 लाख से ज्यादा सबस्क्राइबर हैं। अनएकेडमी आईपीएल की भी ऑफिशल पार्टनर है।

रोमन की कहानी :

16 साल की उम्र में ही रोमन सैनी ने मेडिकल की परीक्षा पास कर ली थी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में वे एक जूनियर रेजिडेंट डाक्टर बन गये। उतने से भी जब मन नहीं भरा तो 22 साल की उम्र में IAS अधिकारी बनने के लिए सिविल सेवाओं की प्रवेश परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल कर ली, लेकिन मंजिल तो कुछ और ही थी और अपनी उसी मंजिल की तलाश में अब वे एक एंटरप्रेन्योर  के रूप में काम कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत रोमन अपने यूटयूब चैनल के माध्यम से UPSC परीक्षा के प्रतिभागियों को मुफ्त ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा रहें है।

रोमन सैनी वे युवा हैं, जो आज के भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे दृढ़ संकल्प के साथ अपनी सीमाओं से आगे बढ़ कर उन लोगों के लिए हर संभव मदद मुहैया करा रहे हैं जिनमें क्षमता और योग्यता तो है, लेकिन साधन नहीं। रोमन अपने यूटयूब चैनल Unacademy के माध्यम से देश के उन्हीं युवाओं की मदद कर रहे हैं, जो दृढ़ संकल्प के साथ योग्यता के बल पर आगे बढ़ना चाहते हैं।

रोमन कहते हैं: ‘मेरा मानना है यदि हम वास्तव में किसी चीज की चाहत कर लें, तो उसे हासिल कर सकते हैं। मेरे लिए उपलब्धि हासिल करने का कोई बाहरी मानक नहीं था। मैंने वो सब कुछ किया जिसको करने में मुझे आनंद आया। मैं गिटार बजाता हूं, क्योंकि मुझे संगीत पसंद है, इसलिए नहीं कि इंग्लैंड में ट्रिनिटी कॉलेज जाने की ख्वाहिश रखता हूं। चिकित्सा और सिविल सेवा के लाखों यूपीएससी उम्मीदवारों को ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध कराने का निश्चय भी मेरे भीतर से ही आया है।’’

बाकी बच्चों की तरह रोमन का पालन पोषण भी बेहद साधारण परिवार में हुआ है। रोमन की माँ हाउस वाइफ हैं और पिता इंजीनियर। जिस AIIMS जैसे मेडिकल कॉलेजमें एडमिशन के लिए लोग सालों साल इंतजार करते हैं उस कॉलेजमें रोमन को 16 साल की उम्र में ही टेस्ट पास करने के बाद दाखिला मिल गया था। रोमन के परिवार में इनके अलावा कोई दूसरा व्यक्ति IAS नहीं है। जयपुर के एक मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले रोमन ने बहुत कुछ कर के दिखाया है, क्योंकि उन्होंने जो चाहा उस को दिल से किया। रोमन गंभीरता पूर्वक कहते हैं, मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत जल्दी ही एक तरह से त्याग दिया था, क्योंकि मैं उनके साथ सामाजिक आयोजनों में नहीं जाता था। मैंने बहुत लंबे समय से परिवार की किसी शादी में भी भाग नहीं लिया। मेरे सभी रिश्तेदारों और दोस्तों को लगता था, कि मैं सबसे अलग और शायद अजीब हूं और जबकि सच्चाई ये है कि मैं अपनी दुनिया में रहता हूं और ऐसी चीजें करता हूं जो मुझे पसंद हैं. मैंने अपने जीवन में आवश्यक और गैर आवश्यक के बीच अंतर करने की क्षमता विकसित कर ली है. इससे मुझे सही काम को अच्छी तरह से करने में मदद मिली है।’’

अपनी पढ़ाई IAS में चयन और AIIMS में मिलने वाले एडमिशन को लेकर रोमन कहते हैं, मुझे स्कूल की पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी और मैं एक मेधावी छात्र भी नहीं था। मेरा मानना है कि स्कूल आदि में उच्च अंक प्राप्त करने को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। मैं परीक्षाओं को पास करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में रटने वाली संस्कृति से सहमत नहीं हूं। मैं मेडिकल प्रवेश परीक्षा में केवल इसलिए बैठा, क्योंकि जीव विज्ञान ने मेरा ध्यान आकर्षित किया और मुझे इस विषय में विस्तार से पढ़ना अच्छा लगा। मुझे इसमें मजा आया और इसलिए मैं प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुआ। AIIMS में चयन होना वास्तव में विषयों में मेरी दिलचस्पी का एक अच्छा परिणाम था। इसी तरह, UPSC के लिए भी मैंने विषयों के चुनाव के लिए मेरी प्रवृत्ति का ही अनुसरण किया।

रोमन अपनी उपलब्धियों को सबके साथ साझा करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उन्होंने जो किया, उसे करने में हर कोई सक्षम हो। उनका ऑनलाइन वेंचर इस बात का एक स्पष्ट प्रमाण है। वे कहते हैं, मैंने यूपीएससी परीक्षा को डीकोड करने के लिए ये ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किया है। यदि आप इसे अच्छी तरह से समझ लें, तो इसमें सफल हो सकते हैं। ध्यान रहे, यह दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा है और आप इसमें पूरी तरह से संलिप्त हुए बिना सफल नहीं हो सकते हैं। UPSC का एग्जाम सिर्फ इसलिए न दें, क्योंकि यह पावर, पैसे और प्रतिष्ठा आदि का प्रवेश द्वार माना जाता है, बल्कि इस लिए दें क्योंकि यह आपके लिए वास्तविक महत्व रखती है। यह एक कठिन प्रक्रिया है और यह परीक्षा आपकी मानसिक शक्ति का परीक्षण करती है, जैसा कि कोई अन्य परीक्षा नहीं कर सकती। क्योंकि, आपके सबसे मुश्किल क्षण में, आपका एकमात्र मार्गदर्शक बल आपकी अंदरूनी शक्ति ही होती है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए रोमन कहते हैं, हमेशा सीखने की भूख ही मुझे संचालित करती है। मैं हर स्थिति और हर किसी से सीखना चाहता हूं। मुझे हर समय ज्ञान की प्यास बनी रहती है और मैं बेशर्मी से नई जानकारी तलाशता रहता हूं। यही वजह है कि मैं रुकता नहीं हूं, बल्कि हमेशा चलता रहता हूं।

ये सच है कि UPSC की तैयारी में काफी खर्च हो जाता है और हर किसी के लिए चाह कर भी इसकी कोचिंग लेना आसान बात नहीं है। डॉक्टर बनने के बाद रोमन ने सिविल सेवा की परीक्षा दी और परीक्षा में 18वां स्थान प्राप्त करने के बाद ये फैसला किया कि वे प्रतिभागियों की ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से मदद करेंगे और अपने इसी सपने को आकार देते हुए रोमन ने Unacademy की शुरूआत कर दी। Unacademy एक ऑनलाइन यू टयूब कोचिंग चैनल है, जिसे रोमन अपने दोस्त के साथ मिलकर चलाते हैं। यू टयूब के इस चैनल पर चलने वाले वीडियोज को अनिगिनत व्यूज, लाइक्स और कमेंट्स मिलते हैं। इस चैनल की मदद से कई प्रतिभागियों ने अपने एग्जाम्स में बेहतरीन किया है। इस चैनल पर चलने वाले वीडियोज और रोमन के भाषण प्रतिभागियों को निखारने का काम करते हैं साथ ही उन्हें ऐसे गुर सिखाते हैं, जो उनके लिए सिविल सेवा एग्जाम्स में सहायक होते हैं।

11वीं में गौरव स्कूल टीम में शामिल नहीं हो पाया तो मैगजीन का ई एक्स-रे बना दिया था – डॉ. ईश

गौरव के पैरेंट्स सीमा मुंजाल और डॉ. ईश मुंजाल गौरव के खुद पर भरोसे का किस्सा बताते हैं- गौरव की पढ़ाई लिखाई सेंट जैवियर्स से हुई है। 11वीं में गौरव को स्कूल मैग्जीन टीम में शामिल नहीं किया गया। उसने प्रिंसिपल से बात की लेकिन बात बनी नहीं। इस पर गौरव ने मैगजीन का ऑनलाइन कर ई एक्स-रे बना डाला। मां सीमा मुंजाल बताती हैं कि असफलता की बात पर गौरव सिर्फ मुस्कुरा देता था।

इस प्रकार दो दास्तों ने 5वर्ष के अल्प समय में 11 हजार करोड़ की कंपनी बना समाज व देश को गौरवान्वित करने के साथ समाज के युवा वर्ग के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है हमें समाज के युवा रोमन पर गर्व है आपने माता पिता के साथ ही समाज को भी विश्व स्तर पर गौरव प्रदान किया है।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका