जन्मदिवस विशेष श्री प्रभुलाल सैनी, कृषि एवं पशुपालन मंत्री
मरुधरा के “प्रभु”
मरूधरा की कृषि उन्नति और किसान के सम्मान की गूंज जब भी कानों में पड़ती है तो एक ही बात निकालकर सामने आती है। ‘वाह प्रभु वाह’। आए भी क्यों नहीं, मरू प्रदेश की कृषि को कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने नए रूप में, जो संवारा है। स्वयं मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे को प्रभु की काबलियत पर पहली पारी में भरोसा था, अब गुमान है। चौहदवीं विधानसभा के परिणाम आने से पूर्व ही बांरा में प्रभु को मंत्री पद की घोषण इस गुमान का परिचायक है। प्रभु के ऊपर प्रभु कृपा हुई, जीते और फिर से लग गए कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, उद्यानिकी के विकास कार्य में। राजस्थान को एक ऐसा कृषि मंत्री मिला है, जिनके प्रयासों से आज राज्य की कृषि निरन्तर उन्नति के रथ पर सवार है। बात सही भी है। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने अपने दीर्घकालीन कृषि अनुभव से राज्य की कृषि को सींचा है। प्रस्फुटित, पल्लवित और पुष्पित किया है। सैनी के नेतृत्व का कमाल है कि राजस्थान कृषि क्षेत्र में नवीन आयाम स्थापित करते जा रहा है। निष्प्राण हो चुके किसान भवन फिर से गुलजार हो रहे है । कृषि, मजदूर, हम्माल मंड़ी में पांच रूपए में भरपेट खाना खा रहे है । घटता ऊंट का कुनबा राज्य पशु के रूप में विस्तार की तैयारी कर रहा है। बीकाणा व मेवाड़ प्रभु कृपा का प्रसाद चख चुका है, जल्द ही कोटा व्यवसाय प्रोत्साहन नीति प्रभु आशीष से नया रूप लेने वाली है । गो-विकास संवर्द्धन के लिए गो-पालन विभाग मूर्त रूप में आ चुका है। खजूर, जैतून, जैतून रिफाइनरी के बाद धौलपुर, टोंक व झालावाड़ में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलैंस उद्यानिकी अनुसंधान को जल्द ही परवाज देने वाले हैं। शाहपुरा, केलवाड़ा, मोहनगढ़, पलसाना, छोटी सादड़ी, गुढ़ागौड़ जी, दूनी, महुवा व जयपुर में आवश्यकतानुसार नई मंड़ियों के प्रस्ताव के साथ-साथ किसान कलेवा केन्द्रों का निर्माण प्रभु चिकित्सा प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्रों की घोषणा के साथ कृषक महिलाओं को बकरी पलान के लिए पासओन गिफ्ट योजना की सौगात जल्द ही मिलने वाली है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के साथ प्रयोगशालाओं की स्थापना का कार्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। एग्रीकल्चर, एमीकल्चर, सेरी कल्चर, वर्मीकल्चर, टिश्यूकल्चर, एक्वाकल्चर, हर्बीकल्चर, वीटीकल्चर, सिल्वी कल्चर, अर्बोरीकल्चर, पॉली कल्चर, पॉट कल्चर, पिसीकल्चर, और पश्चरकल्चर के क्षेत्र में काम करने का संकल्प राजस्थान को सदाबहार क्रांति का आगाज करने के लिए आवाज दे रहा है। हरित, श्वेत, पीत क्रांति के बाद नीली व प्रोटीन क्रांति लाने का निश्चय, निश्चित ही राजस्थान के गौरव में चार चांद लगाने जैसा प्रतीत हो रहा है । ‘प्रभु’ के आने के साथ हुई देशी बीज बैंक स्थापना की घोषणा राजस्थान को विश्व में गौरवान्वित कर चुकी है। बीटी बैगन और मक्का को प्रभु की बाय-बाय, प्रदेश के किसानों को विदेशी कंपनियों के बंधन से आजाद रखने की सोच को दर्शाता है।
आंवा (टोंक) के किसान हरलाल माली के घर 25 सितम्बर, 1954 को जन्म लेने वाले कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी अपने जीवन के 60 बंसत पूर्ण कर 25 तारीख को 61वें वर्ष में प्रवेश किया । वकालात की पढ़ाई के उपरांत, 1981 में आंवा ग्राम पंचायत में सरपंच के पद से शुरू हुआ राजनीति व किसान सेवा का सफर आज भी बे-दाग, अनवरत रूप से जारी है। सैनी 1987-93 तक देवली पंचायत समिति के उप प्रधान, 1995-2000 तक प्रधान रहे। 1982 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के पश्चात, 2003 में उनियारा विधानसभा, 2008 में हिण्डोली विधानसभा और 2014 में अंता विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए है। आज भी सैनी, सरकार के संभाग दौरे में कहीं फावड़ा तो कहीं कुदाली लेकर किसानों को खेती के गुर सिखाते हैं। वहीं, अपने खेतों में धर्मपत्नी पानी देवी के साथ खेती का कार्य सहजता से करते देखे जा सकते है । माली सैनी संदेश परिवार श्री प्रभुलाल सैनी को जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई प्रेषित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता है ।