श्री गणेशीराम सच्चे स्काउट गुरु थे

श्री गणेशीराम सच्चे स्काउट गुरु थे

स्काउट गुरू कर्मवीर श्री गणेशीराम की 17वीं पुण्यतिथि 3 अगस्त 2012 को जोधपुर के सूचना सभागार में इण्डियन स्काउट व गाइड फैलोशीप जोधपुर द्वारा समारोहपूर्वक श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की शुरूआत स्काट प्रार्थना से हुई ।

गुरूजी के व्यक्तित्व व कृतित्व को आजीवन यादगार बनाने हेतु गुरू गणेशीराम स्मृति ग्रन्थ कर्मवीर 2012 का विमोचन किया गया। जिसमें गुरूजी के परिवार व स्काउट कार्यों में सहयोगी रहे स्काउट गाइड के अनुभवों को प्रकाशित किया

गणेशी शब्द का अर्थ है सभी को नमन करने वाला, सभी को मानने वाला, सभी धर्म जाति सम्प्रदाय को आदर के साथ, सम्भावना, सत्कार देने वाला यानि मानव प्राणी व प्रकृति को सर्वोपरित मानकर कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने वाला।

राम शब्द का अर्थ – भगवान ईश्वर, अल्लाह, प्रभु यानि सभी को तारने वाला, पालनहार करने वाला।

अर्थात ईश्वर एक है हम उन्हें विभिन्न नामों से पुकारते है । वह सभी जगह विद्यमान है। वह सर्वशक्तिमान है। वह सभी को शक्ति प्रदान करता है । वही सभी को नेक व आदर्श भाव प्रदान करता है। वहीं विश्व का पालनहार है। वहीं बुरे व पापियों का नाश करने वाला है। वहीं सत्य अहिंसा व प्रेमभाव का प्रतीक है। वहीं अधर्म का नाश करता है ओर धर्म को जीत दिलाता है। यानि सभी को कर्मयोगी बनाने की शिक्षा देता है ।

स्काउट का अर्थ है – सद्भावना, भाईचारा।

अपने कार्य द्वारा मानव प्राणी व प्रकृति की सेवा करना। इन्हीं सभी कार्यो के कारण गणेशीराम को स्काउट गुरू व ग्रामीण रोवर स्काउटिंग के जन्मदाता कहा गया।

गणेशीराम सच्चे स्काउट गुरू थे। उन्होनें मानव प्राणी व प्रकृति की निस्वार्थ सेवा, सच्ची निष्ठा से पूर्ण की वे भारत में स्काउटिंग के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़कर अमर हो गये । उरके कार्य वर्तमान में हमारे लिये आदर्श व मार्गदर्शन करते है। उनके नेक कार्यों से प्रेरित होकर देश के प्रत्येक नागरिक कार्य करें तो देशवासी कर्मयोगी बन जायेंगे। आलस का नाश हो जायेगा, सुदृढ भाईचारा व अमन चैन, शांति व सद्भावना से मजबूती मिल जायेगी। संगठन में परस्पर अच्छे आचार विचारों का आदान प्रदान होगा। विश्व में शक्तिशाली सभी बुराईयों व समस्याओं से मुक्त, विकासशील भारत की छवि बनेगी और इस पर हम सभी को भारत के अच्छे नागरिकों का देश कहने में गर्व होग, ऐसी उनकी भावना थी।

वो कहते थे कि कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है।
दर दर क्यों भटकता है यहीं मथुरा काशी है।

अर्थात जहां अच्छे रचनात्मक, सकारात्मक सोच के साथ जो कार्य होते है वह किसी धर्म यात्रा व धार्मिक स्थल से कम नहीं होते है।

श्री गणेशीराम जी एक कर्मयोगी थे उनकी कथनी व करनी में अंतर बिल्कुल नहीं था, वे हृदय से कोमल, स्वभाव से शीतल और मन से सरल होने के कारण जीवन की उच्चतम सफलता प्राप्त की । वे ईश्वर के प्रति निष्ठावान बच्चों के प्रति वफादार व स्काउट के सच्चे सिपाही थे, उनके कार्यो की जितनी सराहना की जाय कम है। भावी नव पीढ़ी के आदर्श स्काउट गुरू व ग्रामीण रोवर स्काउट के प्रेरणा स्त्रोत कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।

मैं ऐसे महान सच्चे स्काउट गुरू को अपना आदर्श मानता हूं और सच्चे मन से नत मस्तक होकर नमन करते हुए ग्रेट सैल्यूट करता हूं।

यह बिल्कुल सत्य है कि हम मिट्टी के पुतले है और मिट्टी में ही मिल जायेंगे। जो कर्मयोगी है हमेशा अच्छे कर्मों से याद आते रहेंगे। यही तो अमरत्व का भाव है।

गया, जिसका सम्पादन श्री एस. एम. उस्मान, रोशनदीप गहलोत ने किया ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री मदनमोहन राठी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुरूजी के जीवन वृत पर प्रकाश डॉला ।

इस अवसर पर वयोवृद्ध व वरिष्ठ स्काउटर्स सर्व श्री रामप्रसाद गोयल, नरपतसिंह शेखावत, धनराज लखारा, प्रो. डी. आर. मेहता, प्रो. रामकृष्ण दुग्गड़, श्री ओ.पी. गहलोत, श्री हरीसिंहनामा एवं श्री भूपसिंह को माला, तिलक, शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया । इन्होंने गुरूजी के साथ कार्य करने के अपने अनुभव से सभी को अवगत कराया। गुरूजी की धर्मपत्नी श्रीमती कस्तुरीबाई को शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर सद्भावना फोटो प्रदर्शनी का आयोजन अभियानकर्ता राजेन्द्रसिंह गहलोत द्वारा किया गया। इस प्रदर्शनी में गुरूजी की विभिन्न कार्यक्रमों, रैली, जम्बूरी के चित्रों के साथ समाचार

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका