श्री गोरधन लाल सैनी

श्री गोरधन लाल सैनी

श्री गोरधन लाल सैनी ने दी समाज को नई दिशा, सेवानिवृत्ति पर मिले रू.22 लाख शिक्षक ने गांव और स्कूल के विकास में लगाए। अपनों और गांव व समाज के लिए बने मिसाल, भामाशाह की हर कोई कर रहा है सराहना।

लादड़िया लाड़नू। शिक्षक दिवस पर हर जगह शिक्षकों का सम्मान हुआ है। इसी अवसर पर हम आपको लादड़िया के सेवानिवृत शिक्षक गोरधनलाल सैनी से मिलाते हैं जिन्होंने नवंबर 2019 में रिटायरमेंट के बाद मिले 22 लाख रुपए दान कर दिए। सैनी ने समाज, गांव और परिवार को लेकर अनूठा उदाहरण पेश किया। सैनी ने सेवा के दौरान भी विद्यालय में भामाशाह की तरह कार्य किया। आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों की हमेशा मदद की और सेवानिवृति के बाद मिली सरकारी राशि को समाज, गांव के विकास के लिए लगा दिया। करीब 22 लाख की राशि खर्च कर चुके सैनी का कहना है कि लोगों की सेवा और गांव का विकास करना उनका बचपन से ही सपना था जो पूरा हो गया।

1984 में सरकारी शिक्षक के रुप में नियुक्ति मिली। इस बाद से ही उन्होंने सेवाकार्य शुरू कर दिए थे। नवंबर 2019 में सैनी को इस नौकरी से सेवानिवृति मिल गई। इस दौरान उन्होंने 22 लाख रुपए समाज विकास के लिए लगा दिए। सेवानिवृत्त सैनी ने जो पैसा निर्माण के लिए दिया था, वो निर्माण कार्य अब पूरे हो चुके हैं।

भाई-बहन और बेटियों को भी दिए एक-एक लाख रुपए, स्कूल में भी साढ़े तीन लाख रुपए से बनवाया है सांस्कृतिक मंच :

आमतौर पर धन दौलत को लेकर कई परिवारों के आपसी झगड़े आदि मामलों में प्रकरण सामने आते है। मगर शिक्षक सैनी ने अपनी सेवानिवृति की राशि परिवार में भाईयों बहनों व बेटियों को भेंट करते हुए समाज व ग्राम विकास में समर्पित कर प्रदेश में प्रेम व विकास का उदाहरण प्रस्तुत किया है। शिक्षक की इस बात को लेकर क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है। संभवत यह नागौर ही नहीं प्रदेश में पहला उदाहरण है जिसमें किसी सेवानिवृत कर्मचारी ने अपना धन इस तरह खर्च किया हो। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लादड़िया के प्रधानाचार्य बजरंगसिंह राठौड़ ने बताया कि सैनी पांच नवंबर 2019 को सेवानिवृत हुए थे।

इस दौरान उन्होंने गांव की स्कूल में 3.50 लाख की लागत से सांस्कृतिक मंच का निर्माण करवाया। वहीं गांव के सार्वजनिक चैक में 3.25 लाख की लागत से रंगमंच का निर्माण करवाया जो निर्माण काम अब पूरा हो गया है। वहीं माली समाज के लिए समाज भवन निर्माण के लिए भी 2.50 लाख रुपए की राशि भेंट की। वहीं शिक्षक सैनी ने सेवानिवृति के मौके पर तीन लाख रुपए अपनी बहनो, दो लाख भाईयों व तीन लाख रुपए बेटियों को प्रदान कर अनोखा उदाहरण पेश किया।

विद्यालय में हमेशा रहे सक्रिय, करते थे सहयोग: शिक्षक सैनी विद्यालय में कार्य करते समय विद्यालय विकास व नामांकन आदि बढ़ाने सहित विद्यालयी गतिविधियों को लेकर सदैव तत्पर रहते थे। वहीं आर्थिक स्थिति से कमजोर विद्यार्थियों को भी कभी कमजोरी महसूस नहीं होने दी तथा हमेशा सहयोग करते रहे। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए भी शिक्षक सैनी चेहते बने हुए है।

प्रतिभागी विद्यार्थियों को देते रहे पुरस्कार: जानकारी मिली कि शिक्षक के रूप में कार्य करते समय विद्यालय विकास व नामांकन आदि बढ़ाने सहित विद्यालयी गतिविधियों को लेकर सदैव आगे रहते है। उन्होंने विद्यालय विकास के लिए भी धन राशि भेंट की तथा हमेशा आर्थिक स्थिति से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए सहयोग करते रहे। विद्यार्थियों के परीक्षा में अव्वल रहने पर खुद के खर्चे से पारितोषिक वितरण करने के साथ ही बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए 11-11 हजार तक की राशि बच्चों को भेंट करते। वहीं गांव और समाज विकास के लिए शौचालय निर्माण आदि के लिए राशि भेंट की। शिक्षक सैनी को लोग अध्यापक के साथ-साथ भामाशाह के रूप में भी जानते है। शिक्षक द्वारा ऐसा सामाजिक कार्य किए जाने पर क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है। हर कोई शिक्षक की सराहना कर रहा है।

समाज की अनेकों संस्थाओं के पदाधिकारियों ने गोरधन सैनी के सेवा भावी भामाशाह के रूप मे किए गए अनूठे उत्कृष्ट कार्य के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित करते हुए उनका आभार प्रकट किया है। माली सैनी संदेश परिवार सैनी के इस पुनीत सेवा कार्य के लिए आभार प्रकट करते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता है तथा हमें समाज के भामाशाह गोरधन सैनी पर गर्व है जिन्होंने आजीवन मेहनत से कमाई अपनी धनराशि को शिक्षा एवं विकास कार्यो में खर्च कर महात्मा ज्योतिबा फूले के आदर्श को आत्मसात किया।

मनीष गहलोत

मनीष गहलोत

मुख्य सम्पादक, माली सैनी संदेश पत्रिका