श्री चतुर्भुज गहलोत
जीवन परिचय
श्री चतुर्भुज गहलोत (1877-1957)
फोरेस्ट सुपरिटेडेण्ट, माईन्स इण्डस्ट्रीज, एग्रीकल्चर, जोधपुर रियासत ( मारवाड़ )
जन्म
25, जुलाई, 1877 ई
जन्म स्थान
पीपाड़ कस्बे में । बचपन नागोरियों का बास, जोधपुर में बीता।
शिक्षा
श्री दरबार हाई स्कूल एवं जसवंत कॉलेज, जोधपुर में हुई। | मारवाड़ राज्य की छात्रवृति प्राप्त होने पर, देहरादून फोरेस्ट कॉलेज से 1897 मेंरेंजर कोर्स में (सिल्वर मेडिलिस्ट) परीक्षा उत्तीर्ण की।
सेवाकाल
1897 ई. से 1908 ई. तक जोधपुर स्टेट में रेंजर पद पर रहे। 1909 से 1911 तक असिस्टेंट कन्जरवेयर फोरेस्टर पद पर ग्वालियर स्टेट में रहे। 1911 में जोधपुर रियासत में सुपरिडेण्ट वन विभाग पद पर रहे, जिनके अधीन माईन्स इण्डस्ट्रीज एवं एग्रीकल्चर विभाग भी था। सेवानिवृत्ति के पश्चात बांसवाडा स्टेट में इजलास आलिया एवं दाता भावगढ़ में फोरेस्ट व माईन्स के सलाहकार रहे।
सेवाकाल की उपलब्धियां
रियासतकाल में जोधपुर स्टेट के लिए फोरेस्ट वर्किंग प्लान “गहलोत प्लॉन” 1906 से 1946 को बनाया, जिसका उल्लेख राजस्थान सरकार द्वारा 1961 की रिपोर्ट ” वर्किंग प्लानफोर दी जोधपुर फोरेस्ट डिवीजन वेस्टर्न सर्कल राजस्थान” में प्रकाशित है।
आपने कई पुस्तकें लिखी जिनमें उल्लेखनीय “संसार में पक्षियों की आवश्यकता”, प्रभाकर, ‘कृषिसाहित्य’, डेजर्ट रिसर्च,’रूरल एज्युकेशन’ है। सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक आपके शोधकार्य एवं प्राचीन साहित्य में रूचि को दर्शाता है वह है ‘सरस्वती’। इस पुस्तक में विलुप्त नदी सरस्वती के उद्गम से लेकर राजस्थान के जिन-जिन क्षेत्रों में बहती थी। इसका उल्लेख किया। आपका जड़ी-बूटियों के बारे में अच्छा ज्ञान था इसके लिए कई वैद्य औषधि बनानें हेतु आपसे जानकारी प्राप्त करते थे।
सामाजिक उपलब्धियां
सरल एवं सामाजिक प्रवृति के कारण आप जोधपुर रियासत के सेंट्रल एडवाईजरी बोर्ड के मेम्बर और रिप्रजेन्टेटिव एडवाइजरी एसेम्बली के मेम्बर रहे। आपकी उपरोक्त उपलब्धियों के कारण हाल ही में जोधपुर नगर में” चतुर्भुज गहलोत मार्ग का अनावरण हुआ। सच है मानव कल्याण में कार्य करने वालों को इस तरह सम्मानित करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धा है।
माली सैनी संदेश पत्रिका के आगामी अंकों में स्व. श्री चतुर्भुज गहलोत द्वारा विलुप्त (नदी सरस्वती के उद्गम से लेकर राजस्थान के जिन-जिन क्षेत्रों में बहती थी उनकी किताब का वर्णन प्रस्तुत किया जायेगा – संपादक