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23 अक्टूबर, 05 स्थानीय सुमेर उच्च माध्यमिक विद्यालय का विशाल प्रांगण। दो सौ से अधिक विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन निर्धारित समय तक किया जा चुका था। उनमें से अधिकांश सम्मेलन में भाग लेने के लिए उपस्थित भी हुए। अतिथियों का आगमन पूर्व संध्या से प्रारंभ हो चुका था। सबके आवास, भोजन आदि की पर्याप्त एवं संतोषजनक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई। ‘‘माली सैनी संदेश’’ के प्रधान सम्पादक श्री मनीष गहलोत तथा उनके प्रमुख सहयोगी श्री सोहनलाल साँखला सहित अन्य कई कार्यकर्ताओं को परिचय सम्मेलन को संवारते हुए सहज ही देखा जा सकता था। पूर्व निर्धारित स्थान ‘‘भाटी-मेमोरियल हॉल’’ था किन्तु स्थानाभाव की आशंका से निकट स्थित मैदान में ही पाण्डाल सजाकर समुचित व्यवस्थाएँ की गई। परिचय देने वाले युवक-युवती, अभिभावक, पत्रकार, गणमान्य नागरिक आदि सभी के लिए पृथक-पृथक स्थान निर्धारित थे। मुख्य अतिथि के रूप में रामस्नेही युवा संत श्री रामप्रसाद जी महाराज के शुभागमन के साथ ही सम्मेलन की हलचल मे तीव्रता आ गई। समारोह की अध्यक्षता डॉ. ओम कुमार गहलोत (महापौर, नगर निगम, जोधपुर) ने की। विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्री जगदीशसिंह भाटी, श्री राजेन्द्र परिहार, श्री सुनील परिहार आदि ने भी परिचय सम्मेलन की श्रीवृद्धि की। महाराज श्री ने महात्मा ज्योतिराव फूले तथा संत शिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज के चित्रों पर माल्यर्पण करके सम्मेलन की औपचारिक शुरूआत की। प्रारंभ में महाराज श्री ने उस परिचय पुस्तिका का विमोचन भी अपने कर कमलों से किया। उसमें विवाह योग्य लगभग दो सौ युवक-युवितयों का विस्तृत विवरण प्रकाशित किया गया है।
सम्पादक-मण्डल में प्रधान सम्पादक के रूप में श्री मनीष गहलोत, श्री किशनलाल साँखला (सम्पादक), श्री सोहनालाल साँखला व श्री पंकज गहलोत ने भी सह-सम्पादक की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर इसे चिरस्मरणीय बनाया। महाराज श्री रामप्रसाद जी ने अपने उद्बोधन में समाज के विकास के लिए ऐसे आयोजनों को आवश्यक बताया। श्री राजेन्द्र परिहार ने जोधपुर में परिचय सम्मेलन की कमी को पूरा करने के लिए आयोजक श्री मनीष गहलोत तथा सहयोगियों का हार्दिक आभार प्रकट किया।
अब बारी थी सम्मेलन की प्रमुख कड़ी युवक-युवती परिचय की। दो-दो युवक युवतियों को बारी-बारी से आमंत्रित किया गया। कुछ ने अपना परिचय संक्षेप में दिया तो कुछ ने विस्तार से। अधिकांश परिचय देने में हिचकिचाये तो कुछे ने बिना संकोच के भी अपना परिचय दिया। कुछ के परिचय के तरीके को भी खूब सराहा गया। कई बार तालियां बजी तो हँसी के फव्वारे भी छूटे। बोलने में अति संकोच तथा अनभ्यास के कारण कुछ का परिचय उद्घोषिका अनुजा गहलोत को ही करना पड़ा। कुल मिलाकर सम्मेलन सफल रहा। विश्राम काल में सभी अतिथियों ने सहभोज का लुत्फ उठाया। फिर मिले तो शेष रहे युवक-युवतियों का परिचय हुआ जो नहीं पहुंच सके उनके अभिभावकों को भी उनकी तरफ से परिचय प्रस्तुत करने का सुअवसर प्रदान किया गया।
अंत में अध्यक्षा डॉ. ओम कुमारी गहलोत ने युवाओं का आह्वान किया कि समाज में कुरीतियों को दूर करने के लिए वे आगे आये। आपने सभी अतिथियों का सूर्यनगरी में आगमन पर हार्दिक स्वागत भी किया। सम्मेलन में कुछ रिश्ते तय भी हुए। कुछ तय होने की संभावनाएँ प्रबल हुई। सामाजिक जागरूकता तथा श्रेष्ठ वैवाहिक सम्बन्धों की स्थापना की दृष्टि से आयोजन होने में कमियों के बावजूद परिचय सम्मेलन सफल रहा जिससे आयोजक/कार्यकर्ता अति उत्साहित है तथा निकट भविष्य में यहाँ सामूहिक विवाह के आयोजन की सम्भावनाएँ भी प्रबल हो गई।
हमारा यही प्रयास है कि समाज में रचनात्मक, सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के साथ ही अन्य क्षेत्रों में समाज का वर्चस्व बढ़े तथा हमारा समाज भी देश के विकास में अपना प्रबल सहयोग प्रदान करें। जब हमनें माली सेनी संदेश समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ किया तो यह केवल 4 पृष्ठों का था। लेकिन समाज से मिल रहे सहयोग एवं आशीर्वाद से अब यह एक 28 पृष्ठो की पत्रिका के रूप में हर माह देश विदेश में फैले समाज के सभी वर्गो को उपलब्ध हो रही है। इसी कड़ी में यह वेब साईट आपके सामने प्रस्तुत है जिसमें समय समय पर समाज से संबधित सभी जानकारियां उपलब्ध होगी साथ ही समाज की डायरेक्टरी भी निकट भविष्य में उपलब्ध होगी।
हमारा उद्देश्य केवल समाचार पत्र का प्रकाशन करना ही नहीं वरन समाज में एक नई सोच एवं जागृति प्रदान करना है जिससे माली सैनी समाज के लिए जिन महापुरूषों का नाम आज हमारे समाज के साथ अन्य समाज भी गर्व से लेते है उस समाज का मान सम्मान और बढ़े तथा भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व में फैले हमारे समाज की प्रतिभाओं का आदर और सम्मान हो, तभी हम समझेंगे कि हम अपने प्रयास में सफल हुए है।