रविवार की छुट्टी और मजदूरों को अधिकार दिलाया समाज के मेघाजी लोखंडे ने
नारायण मेघाजी लोखंडे
भारतीय मजदूर आंदोलन के थे पिता मेघाजी वो महान इंसान है जिनके कारण भारतीय मजदूरों को रुअधिकार मिले और हमें रविवार की छुट्टी।
मेघाजी महात्मा ज्योतिबा फुले के सत्यशोधक समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। मेघाजी इतिहास के वो महानायक हैं जिन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिसके वो वास्तविक हकदार थे। हमें गर्व होना चाहिए कि भारतीय श्रम आन्दोलन के जनक और रविवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित कराने वाले ‘नारायण मेघा जी लोखंडे’ माली समाज से थे।
कामगारों के लिए साप्ताहिक द्धरविवार कीद्ध छुट्टी का प्रावधान करवाने वाले एवं भारत के ट्रेड यूनियन और श्रम आन्दोलन के जनक नारायण मेघा जी लोखंडे पुणे जिले के सासवाङ के निकट मूल गांव कंहेरसर में फूलमाली कृषक परिवार में 1848 में इनका जन्म हुआ। लोखंडे ने गरीब परिस्थितियों में माध्यमिक शिक्षा पूर्ण की।
मुंबई में एक नौकरी के दौरान उन्होंने ने मील कामगारों को दिन में 13-14 घंटे काम करते देखा। उन्हें सप्ताह में कोई छुट्टी नहीं मिलती थी, नतीजतन लोखंडे ने अपनी नौकरी छोङने और खुद को श्रम आन्दोलन में ले जाने का फैसला किया। लोखंडे जी की जीवन संगिनी का नाम गोपीना बाई और पुत्र का नाम गोपीनाथ था।
10 जून 1890 को रविवार का साप्ताहिक अवकाश लोखंडे के आन्दोलन के बाद प्रारम्भ हुआ था। 1880 में लोखंडे ने दीनबंधु नामक समाचार पत्र का प्रकाशन भी प्रारम्भ किया था।
भारत सरकार ने 10 जून 2005 में लोखंडे के नाम से डॉक टिकट भी जारी किया था। ऐसे महान समाज सेवी, श्रमिकों के अधिकारों के जनक, मानवता के सच्चे सिपाही, गंभीर व्यक्तित्व को श्रमिक दिवस के अवसर पर कोटि कोटि नमन।