महिला शिक्षा को समर्पित एक प्रेरक संस्थान महात्मा ज्योतिबा फूले शिक्षण संस्थान, सीकर
वर्ष 1948 में पूना (महाराष्ट्र) में अपने निजी प्रयासों से देश की प्रथम बालिका पाठशाला की स्थापना कर शिक्षाविद् महात्मा ज्योतिबा फूले एवं उनकी सच्ची सहचरी तथा विदुषी सावित्री बाई फूले ने महिला शिक्षा की जो मशाल प्रज्ज्वलितक की थी उसकी ज्योति अब राजस्थान के मरूभाग शेखावटी की हृदय स्थली सीकर में भी पहुँचकर फूले दम्पति के दर्शन के प्रति समर्पित ‘महात्मा ज्योतिबा फूले शिक्षण संस्थान’ के माध्यम से ज्ञान का प्रकाश चहुँ ओर बिखेरने की ओर तत्पर एवं अग्रसर है।
‘एक बालिका शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है’ इस मूल मंत्र को अपना मिशन मानकर 20 जुलाई, 1999 को सैनी समाज के जागरूक महानुभावों ने संस्थान को विधिवत् रूप से पंजीकृत करवाया। संस्थान के पावन लक्ष्य को प्राप्त करने में हरसंभव मदद करने की दृष्टि से वर्ष 2000 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर संस्थान को जिला मुख्यालय सीकर में झुंझुनू बाई पास पर राधाकिशनपुरा में 5 बीघा भूमि का विशाल भूखण्ड आवंटित किया गया।
संस्थान ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास को अपना लक्ष्य मानकर संस्थान परिसर में महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय एवं महिला स्नातक महाविद्यालय के लिए शैक्षणिक भवन एवं महिला छात्रावास के लिये लगभग 1 करोड़ रूपये की लागत के निर्माण का संकल्प लेकर निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया। अब तक संस्थान के विशाल मुख्य शैक्षणिक भवन, चहारदीवारी व सुविधाओं पर लगभग 50 लाख रूपये का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। संस्थान को आगामी शिक्षा सत्र 2005-06 से 100 सीट वाले ‘सावित्री बाई फूले महिला शिक्षक प्रशिक्षण महा-विद्यालय’ प्रारम्भ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापति प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। संस्थान द्वारा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एन.सी.टी.ई.) में महाविद्यालय प्रारम्भ करने की अनुमति हेतु आवेदन कर दिया गया है। जिस पर निकट भविष्य में औपचारिक अनुमति मिलना लगभग तय है। महिला स्नातक महाविद्यालय हेतु भी राज्य सरकार के समक्ष शीध्र ही आवेदन करने की तैयारी है। राज्य में एक ओर जहां व्यावसायिक आधार पर विकसित निजी शिक्षण संस्थानों की बाढ़ सी आ गई है वहीं महात्मा ज्योतिबा फूले शिक्षण संस्थान बिना लाभ-हानि के सामाजिक एवं कल्याणकारी संस्थान के रूप में अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने वाले व्यावसायिक कोर्स भी सामान्य शुल्क पर प्रारम्भ करने की अपनी भावी योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है।
संस्थान की यह संकल्पना राज्य भर में सैनी समाज की सामुदायिक संस्था के रूप में एक अद्वितीय एवं उल्लेखनीय स्मारक सिद्ध हो, इस हेतु संस्थान की प्रबंधकारिणी पूरी मुस्तैदी से कटिबद्ध है तथा सभी सैनी बंधुओं को इस प्रेरक संस्थान से जोड़ने हेतु निरन्तर प्रयासरत है।