स्वामी सुकर्मानन्द सरस्वती आर्य कन्या गुरुकुल छावणी शिवगंज, जिला सिरोही
वैदिक धर्म के प्रचार के उत्तम लक्ष्य के लिए शिवगंज नगर में आर्य कन्या गुरुकुल की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य प्राचीन शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना, कन्याओं को वेद-वेदांग आदि ग्रन्थों की उत्तम विदुषी बनाना तथा वैदिक संस्कृति के प्रति निष्ठावान बनाते हुए आदर्श सुसंस्कारित, कत्त्र्वय नित्ष्ठ बालाओं का निर्माण करना रहा हैं। यहां पर बड़ी कक्षा की कन्याये अपने से छोटी कन्याओं को अध्ययन कराती हैं। गुरुकुल में इस समय भारत के विभिन्न प्रान्तों की तथा नेपाल देश की कन्याये 45 की संख्या में रह रही हैं। कन्याओं के लिए छात्रावास का भी निर्माण दान-दाताओं द्वारा हो गया है।
छात्रावास निवासिनी कन्याओं में कुछ का पूर्ण तथा कुछ का आंशिक व्यय भार गुरुकुल को ही वहन करना पड़ता है तथा शिक्षा यहां पूर्णतया निशुल्क है। संस्कृत की उच्च शिक्षा के साथ-साथ अन्य आधुनिक विषय भी पढ़ाये जाते है। कन्याओं के आत्मिक, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु योगासन, शस्त्रास्र संचालन की उत्तम शिक्षा दी जाती हैं। गृहकला में प्रशिक्षण हेतु सिलाई भोजन में विविध प्रकार के व्यंजन आदि का निर्माण भी कन्याएं यहां पर करती है। आयुर्वेद के ज्ञान हेतु घरेलू उपचार एवं दन्तमंजन, काजल आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। कन्याओं को कर्मकाण्ड की पूर्ण शिक्षा दी जाती है, जिससे यज्ञ सम्पन्न कराने के लिए कन्याओं को वेद प्रचारार्थ बाहर आमन्त्रित किया जाता है। यह गुरुकुल केाई राजकीय सहायता ग्रहण नही करता। केवल आप सब उदार महानुभावों के दान पर निर्भर रहते हुए सभी व्यवस्थायें सुनियमित रीति से संचालित करता है। लम्बे समय से श्री देवाराम जी चैहान गृहस्थ जीवन त्याग कर कठोर परिश्रम कर संन्यासी जीवन अपनाते हुए प्राणी-मात्र की सेवा में लगे हैं।