मिलनसार व्यक्तित्व के धनी, सभी के लिए सहज एवं सरलता से उपलब्ध रहने वाले कृत्वनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी – डॉ. देवराम सैनी
देवाराम यानि दिव्य प्रकाश, ऐसा प्रकाश जो सीकर के खंडेला में एक किसान परिवार के यहाँ जन्म होने के बाद राजस्थान की प्रशासनिक सेवा की प्रतियोगी परीक्षा में अव्वल होने का संकल्प लेते है और एक भरोसे को ईमानदारी से जगमग कर देते है जो पढ़ते वक्त सिर्फ अपना लक्ष्य अर्जित करने के लिए पढ़ते है हर परीक्षा में अव्वल रहकर अपने मध्यमवर्गीय किसान परिवार समाज अपने कस्बे खंडेला जिला सीकर के लिए जरूरत बन गए।
वफादारी, ईमानदारी, समझदारी, जिम्मेदारी सब कुछ तो इन्होने अपने छात्र जीवन में प्राथमिक पाठशाला से लेकर मिडिल माध्यमिक कॉलेज और फिर डॉक्टरेट की उपाधि लेने के अध्ययन संघर्ष में निभाई है । आज भी खंडेला सीकर में इनके परिवार के लोग क्षेत्र के बच्चों को इनकी कामयाबी के किस्से सुनाकर उन्हें प्रेरित करते हुए ईमानदारी पढ़ाई के प्रति लगन का पाठ पढ़ाते है। देवाराम इन लोगों के लिए युथ आईकॉन है समाज के लिए गौरव है बेदाग छवि, ईमानदारी, निष्पक्षता, जिम्मेदारी, वफादारी, सरकारी कामकाज के प्रति तत्परता के साथ आम लोगों के राजकीय कामकाज के प्रति बिना किसी विवाद के निष्पक्ष त्वरित निस्तारण इनकी पहचान रहा है।
प्रशासनिक चातुर्य कहें या फिर अनुभव, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या संबंधित शीर्ष नेतृत्व के देखते ही उनका इशारा समझकर तत्काल जिम्मेदारी से उस कार्य का सफल सम्पादन इनकी पहचान है हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र में सरकारी नौकरियां खत्म करने पर हास्यास्पद बयान में कहा था कि जो लोग किसी भी प्राइवेट कम्पनी में नहीं लग पाते वोह लोग सरकारी नौकरियों में जाते है देवाराम और अन्य अधिकारियों ने गडकरी के इस बयान के खिलाफ एक तमाचा है यहाँ उल्टा है बड़े बड़े उद्योगपति उनके करोड़ो करोड़ का पैकेज लेकर काम करने वाले कर्मचारी ऐसे देवाराम जैसे अधिकारीयों के सामने इनकी जिम्मेदारी, वफादारी, कर्तव्यनिष्ठा के चलते अपने कामकाज के लिए हाथ बांधे खड़े देखे जा सकते है।
देवाराम ने प्रारम्भिक शिक्षा खंडेला कॉलेज शिक्षा सीकर जयपुर में पूरी की इनकी डिग्रियां इनकी पढ़ाई का तो जिक्र करना मेरे लिए असम्भव सा है क्योंकि इन्होने सभी तरह की तो डिग्रियां हांसिल की है बी. कॉम. करने के बाद इन्होने व्यवसायिक प्रबंधन की डिग्री ली फिर एम. कॉम. की डिग्री लेने के बाद एम. फील. की डिग्री ली। बाद में देवाराम एकाउंटेंसी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर देवाराम से डॉक्टर देवाराम बन गये।
इनकी उत्कृष्ठ कार्यशैली ओर कर्तव्यनिष्ठा के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्हे विशेषाधिकारी बनाया। फिर पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में भी यह उनके विशेषाधिकारी रहे। अब फिर से जब अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्ममंत्री बने तो यह जिम्मेदारी पुनः डॉक्टर देवाराम संभाल रहे है। कार्यालय में भी काना फूसी हो कोई भी अव्यवस्था हो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जिलेवार प्रशासनिक कार्य्रकम हो, बैठके हो, डॉक्टर देवाराम पहले से ही सभी व्यवस्थाओं सभी अधिकारीयों की कार्यशैली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ईमानदारी से मुख्यमंत्री की जानकारी में रखते यही वजह है कि राजस्थान के गाँधीवादी संवेदनशील, पारदर्शी सिद्धांतों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सफलता से अपने कार्यों को सम्पादित कर रहे है।
वर्ष 1998 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित होने पर डॉक्टर देवाराम ने जयपुर प्रशिक्षण प्राप्त किया। देवाराम पाली में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर रहे फिर वहीं देसूरी में सहायक कलेक्टर के पद पर सफलता पूर्वक कार्य करते रहने के कारण नियुक्त हुए । बाड़मेर शिव में ब्लॉक प्रसार अधिकारी, दोसा महुआ में सहायक कलेक्टर, राजगढ़ चूरू में एस. डी. ओ., भवानीमंडी झालावाड़, कठूमर अलवर में एस. डी. ओ., बीकानेर में जिला परिवहन अधिकारी, निवाई टोंक में एस. डी. ओ., अधिकृत अधिकारी जेडीऐ जयपुर में कुशल कार्य सम्पादन के बाद इनके अनुभव काम करने के सलीके को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पारखी नजर देवाराम सैनी पर पड़ी और फिर मुख्यमंत्री कार्यालय में अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी फिर पूर्व मुख्यमंत्री होने पर भी देवाराम सैनी अशोक गहलोत के निजी सचिव रहे। और अभी फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देवाराम को विशेषाधिकारी की जिम्मेदारी दी है जैसे बखूबी ईमानदारी से, संगठन प्रशासन के संवेदनशील समन्वय के साथ देवाराम सम्पादित कर रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह पारखी खोज आज राजस्थान में अशोक गहलोत के जिम्मेदार नेतृत्व में जैसा नाम यानि देवाराम यानी दिव्य प्रकाश के रूप में दिव्य प्रकाश की वजह भी बने हुए है ।
समाज के मधुर व्यवहार, मिलनसार व्यक्तित्व के धनी सभी के लिए सहज एवं सरलता से उपलब्ध रहने वाले कुशल स्वभाव के धनी डॉ. देवराम सैनी पर हम सभी को गर्व है। हम उनके उज्ज्वलत्तम भविष्य की मंगल कामनाएं करते है।