डॉ. पीएस हार्डिया
“डॉक्टर धरती के भगवान नहीं, दूसरी मां होते हैं”
50 साल से नेत्र रोग क्षेत्र में सेवाएं दे रहे डॉ. हार्डिया पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजे गए
इंदौर। शहर के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पी.एस. हार्डिया इस क्षेत्र दुनियाभर में जाना-माना नाम हैं। उनसे नई तकनीक सीखने विदेशों से भी डॉक्टर यहां आ चुके हैं। वर्ष 2002 में रेटिनिटिस पिग्मेन्टोसा नामक बीमारी के सफल ऑपरेशन की तकनीक (टेक्निक ऑफ ओमेंटोपैक्सी ) की खोज डॉ. हार्डिया की थी। डॉ. हार्डिया ने वर्ष 1958 की बैच में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी। वर्ष 1968 में एमजे के बाद पिता के साथ गीता भवन
अस्पताल में सेवाएं देना शुरू की । बेटे डॉ. राजीव हार्डिया, दो बेटी और दो पोते भी चिकित्सक हैं। डॉ. हार्डिया ने अपनी और परिवार की सफलता का श्रेय गृहिणी के रूप में जिम्मेदारी संभालने वाली पत्नी लता हार्डिया को दिया। डॉ. हार्डिया ने कहा, यह सम्मान शहर के लोगों और मरीजों की सेवा की वजह से मिला है। मैं बस यही संदेश देना चाहता हूं कि सभी डॉक्टर धरती के भगवान नहीं, बल्कि दूसरी मां के रूप में होते हैं, तथा युवा डॉक्टरों को भी इसी भाव से व मरीजों की देखरेख करना चाहिए।