डॉ. ममता सैनी
देश के प्रत्येक राज्य का वर्णन दोहों एवं चौपाईयों एवं कविता के माध्यम से ऑन लाइन करने का अनूठा प्रयास,
अंतराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच की संस्थापिका डॉ. ममता सैनी ने बनाएं 3 विश्व किर्तिमान
शिक्षा | एम.सी.ए., एम.बी.ए. बी.एड., पीएच.डी. कंप्यूटर साइंस |
पुरस्कार | गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड, यूके, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा चार विश्व कीर्तिमान से सम्मानित |
कार्य | कवयित्री, लेखिका, मंच संचालिका और कंप्यूटर साइंस अध्यापिका |
जन्म | दिल्ली (भारत) |
निवास | दिल्ली (भारत) |
वर्तमान | तंजानिया (पूर्वी अफ्रिका |
पति | सी. ए. राकेश कुमार सैनी |
संस्थापिका | 1. ‘हिंदी है हम’ अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच 2. अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच 3. इंटरनेशनल टैलेंट हब |
प्रकाशन | साइस संकलन पहली महिला भारत के इक्कीस परमवीर भारती के लाल कस्तूरी सुगंध भारत को जानें (प्रकाशन में) |
विभिन्नपत्र | पत्रिकाओं में प्रकाशन |
उपलब्धियाँ | चार विश्व कीर्तिमान से सम्मानित |
उद्देश्य | हिंदी का परचम पूरे विश्व में लहरे। |
इस मोके अंतर्गत 23 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक 37 दिन प्रतिदिन एक कार्यक्रम में भारत के एक राज्य का वर्णन दोहों और चौपाइयों के माध्यम से किया गया। हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा में राज्य महिमा काव्य भी रही। अंतराष्ट्रीय काव्यप्रेमी मंच की संस्थापक डॉ. मान जानवर का और अपने पति सीए राकेश सैनी का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पहले सभी प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों पर रचनाकारों की रचनाओं का भारत को जाने रचना प्रस्तुति कार्यक्रम में आभासी पट अंतराष्ट्रीय प्रेमी मंच पर 37 दिनों तक रचनाकारों द्वारा करण किया गया। भारत को जाने परियोजना का एकमात्र उद्देश्य समस्त भारत के विषय में जन-जन की जानकारी प्रदान करना है, जिसके लिए इस आयोजन को आयोजित रचने का विचार किया गया, जिसमें भारत के सभी प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को विषय बना कर भारत के लिए दोहे और चौपाई छेद में 278 रचनकारों द्वारा महाकाव्य का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त उन सभी साहित्यकारों की प्रतिभा को सामने लाने के लिए आभासी पटल द्वारा रचनाओं का प्रस्तुतीकरण भी किया गया भारत को जाने’ परियोजना में सभी 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों पर रचनाएँ लिखी गई है।
रचनाएँ हिन्दी भाषा में दोडे तथा चौपाई छन्द में लिखी गई है। जिसके लिए हर राज्य की जानकारी को 7 वर्गों में विभाजित किया गया है। चूंकि दृश्य अन्य माध्यम किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए उत्तम माध्यम है, इसलिए इन सभी रचनाओं का गायकों द्वारा अलग अलग धुन पर ट्रैक तैयार किया गया। अब्दुल आरिफ खान और वंदना शर्मा द्वारा सभी 7 वर्गों की 7 अब्दुल आरिफ खान और वंदना शर्मा के साथ डॉ अंजलि भजन, विक्की प्रसाद, रुखसार खान और मानसी प्रधान ने सभी राज्यों के लिए 259 ऑडियो का निर्माण किया। इसके अलावा सभी राज्यों के 39 गीतों के गीतकार, संगीतकार और गायकों की मुख्य भूमिका रही। इस आयोजन में भारत सहित विश्व के विभिन्न देशों से रचनाकारों, राज्य समन्वयकों तथ्य सुधारकों, गायकों, वीडियो निर्माता कार्यक्रम संचालकों आदि के रूप में 466 प्रवासी और निवासी भारतीयों ने प्रतिभागिता की पद्मश्री अनूप जला पद्मश्री डॉ अशोक चक्रधर, उच्चायुक्त बिनाया श्रीकांत प्रधान, हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, निदेशक संतोष जी. आर. घमंडीलाल अग्रवाल, डॉ सोम ठाकुर, कवि आदिल रशीद, श्रीमति निवेदिता झा, डॉ शिव ओम अंबर, कवि पंकज शर्मा, कवि सलीम जावेद, कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, श्री सौरव गुर्जर, कवि सुदीप भोला, श्री जनार्दन पांडे, कवि डॉ सुरेश अवस्थी, डॉ. भगवत स्वरूप ‘शुभम’, डॉ. राम मेही लाल शर्मा यायावर, श्री सुशील भारती श्री संग्राम सिंह, डॉ. मृदुल कीर्ति दल अग्रवाल, डॉ. अखिलेश मिश्रा जी, कवि अरुण जैमिनी श्रीमति समीक्षा शर्मा, डॉ हरीश नवल, डॉ मंजरी पाण्डेय बनारसी पंडित सुरेश नीरव, कवयित्री डॉ. कीर्ति काले, कवि सौरभ जैन सुमन, आशीष कंधवे, श्री प्रशांत इंगोले, कवि बुद्धिप्रकाश, कवि डॉ. दिनेश रघुवंशी, सरदार मंजीत सिंह, श्री अखिलेंद्र मिश्रा जैसे भारत के विभिन्न विशिष्ट व्यक्तित्व इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जिन्होंने प्रत्येक राज्य के वीडियो एल्बम का वर्चुअल माध्यम से विमोचन किया।
अंतराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच के मार्गदर्शक एवं मुख्य सलाहकार सीए, अजय गोयल (तंजानिया ने बताया कि इस काव्य अनुष्ठान को अन्य विश्व कीर्तिमानों में सम्मिलित किए जाने की प्रक्रिया प्रगति में है।
भारत के सभी प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को विषय बना कर भारत के लिए दोहे और चौपाई छंद में रचित महाकाव्य के वीडियोज को विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्मस पर प्रसारित कराया जाना और ग्रन्थ का प्रकाशन कराके देश विदेश के विभिन्न पुस्तकालयों में शामिल कराया जाना है, ताकि यह आने वाली पीढ़ी के लिए ज्ञान का स्रोत बने। अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच की मुख्य सहयोगी सारिका (या) ने सभी रचनाकारों, राज्य समन्वयको त्रुटि सुधारकों गायक गायिकाओं, वीडियो निर्माताओं का आभार व्यक्त किया। अंतराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच के अन्य सभी सहयोगीगण राकेश कुमार सैनी (तंजानिया), शिल्पी बिसारिया (केन्या), ललिता माथुर चौहान (तंजानिया), जितेंद्र भारद्वाज (तंजानिया), विनीता श्रीवास्तव (भारत), गोविन्द गुप्ता (भारत), वन्दना राज (कर), विकास मित्र (भारत), शंभू पवार (मीडिया प्रभारी, भारत) ने भी नको कीर्तिमान प्राप्त होने के अवसर पर आयोजन से जुड़े सभी प्रतिभागियों को दी हमें समाज की अंतराष्ट्रीय काव्यप्रेमी डॉ. ममता सैनी पर गर्व है आपने देश विदेश में भारत के साथ किया है।