स्व. श्री कन्हैयालाल सैनी
समाज एवं खेलों के प्रति समर्पित
श्री कन्हैयालाल सैनी का जन्म दिनांक 1 जनवरी 1948 को जयपुर में हुआ। आपके पिता श्री ग्यारसी लाल सैनी साधारण परिवार में थे। आपकी माताजी श्रीमती भूरी देवी थें श्री ग्यारसीलाल सैनी के चार पुत्रों में श्री सैन सबसे बडे़ थे। इनके छोटे भाई श्री बाबूलाल सैनी प्रमुख समाजसेवी निवर्तमान में निगम जयपुर में पार्षद थे तथा कांग्रेस पार्षद दल के उपनेता थे। इनके छोटे भाई श्री गणेश सैनी का निजी व्यवसाय हैं। श्री कन्हैयालाल सैनी ने समाज तथा विभिन्न खेलों के विभिन्न संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उल्लेखनीय कार्य किया हैं।
श्री कन्हैयालाल सैनी 10 वर्षों तक लगातार जयपुर जिला किक्रेट संघ के अध्यक्ष रहे। इसके उपरान्त क्रमशः राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से जुडे़ रहे तथा वर्ष 1978 से 1993 तक राजस्थान क्रिकेट टीम के मैनेजर रहे। वर्ग 1973 से 1993 तक आप राजस्थान स्टेट स्पोर्ट्स काउन्सिल के वाइस प्रेसीडेन्ट भी रहे। इस अवधि में क्रिकेट के राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मैच जयपुर में आयोजित किये गये वनडे तथा टेस्ट मैचों के आयोजन में आपको प्रमुख भागीदारी रही। आप क्रिकेट के प्रति पूर्णतया समर्पित रहे। इसके अतिरिक्त आप वर्ष 1984 से 1993 तक राजस्थान शूटिंग बॉल एसोसिएशन तथा वर्ष 1984 से 1987 तक रस्साकस्सी ट्रेक वार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। सैनी जयपुर जिला बॉक्सिंग के संरक्षक भी थे। आप वर्ष 1989 से 1993 तक राजस्थान थ्री बॉल के अध्यक्ष रहे। श्री सैनी के खेलों के क्षेत्र के दीर्घ अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें इंगलैण्ड में वर्ष 1989 में हुई शूटिंग बॉल प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गय। विभिन्न खेलों से सम्बद्ध रहने के कारण उन्होंने 36 देशों को यात्राए भी की थी।
खेलों के साथ-साथ श्री सैनी ने समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वे सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। आप वर्ष 1992 में राजस्थान प्रदेश माली ( सैनी ) महासभा, जयपुर के महामंत्री बनाये गये। वर्ष 1992 एवं 1993 की ।। अप्रेल को महात्मा ज्योतिबा फूले की जयन्ती के अवसर पर आयोजित किये जाने वाले मेलों का आयोजन आपके नेत्त्व में हुआ। आपके विलक्षण नेतृत्व का ही प्रभाव था कि 1992 से पूर्व जहा ज्योतिबा फूले की जयन्ती के अवसर पर आयोजित मेले में समाज के लोगों की संख्या काफी कम होती थी, वहीं 1992 के बाद श्री सैनी द्वारा मेले के आयोजन का भार सम्भालने के उपरान्त समाज के 10000 से 15000 तक की संख्या में हर वर्ग के लोग बड़े उत्साह से भाग लेने लगे। श्री सैनी जीवनपर्यन्त समाज के पिछडे़ तथा गरीब लोगों की मदद को सदैव तत्पर रहे। श्री सैनी समाज सुधार के प्रति भी पूर्णतः समर्पित थे। आप युवकों को विभिन्न खेलों में भाग लेने हेतु निरन्तर प्रोत्साहित करते रहते थे। श्री सैनी समजा की प्रत्येक गतिविधियों में भाग लेकर समाज के उत्थान तथा सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध कार्य करने को प्रेरित करते रहें। यही नहीं श्री कन्हैया लाल सैनी का राजनैतिक क्षेत्र में भी खसा प्रभाव रहा। वे 25 वर्षों से लगातार कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे। कांग्रेस पार्टी में इनके सक्रिय योगदान को दृष्टिगत रखने हुए इन्हें सर्वसम्पति से जयपुर शहर कांग्रेस पार्टी के महामंत्री के पद पर मनोनीत किया गया।
श्री कन्हैयालाल सैनी का 46 वर्ष की अल्पायु में 20 अक्टूबर, 1993 को असामयिक निधन हो गया। श्री सैनी अपने पीछे अपनी धर्मपती श्रीमती अयोध्या देवी तथा दो पुत्र श्री महेश सैनी, श्री विष्णु सैनी व एक पुत्री मंजू सैनी को छोड़ गये है। इनके निधन से समाज ही नहीं राजस्थान में क्रिकेट तथा अन्य खेलों को अपूरणीय क्षति हुई है। श्री सैनी द्वारा माली समाज को संगठित करने तथा समाज के उत्थान हेतु किये गये उनके योगदान के लिये उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा तथा वे समाज के प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे।
राज्य सरकार द्वारा राज्य में क्रिकेट में किये गये इनके योगदान को दृष्टिगत रखते हुए मानसरोवर स्थित क्रिकट स्टेडियम का नाम श्री के.एल.सैनी क्रिकेट स्टेडियम रखा गया है। स्व. श्री कन्हैयालाल सैनी को मरणोपरान्त 11 अप्रेल 1999 को समाज कल्याण विभाग राजस्थान सरकार द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले की जयन्ति पर उनके खेल जगत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों हेतु सराहना स्वरूप प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। यदि इसी प्रकार श्री सैनी की याद में जयपुर तथा राज्य स्तरीय माली समाज के संगठनों को उनके नाम से विभिन्न खेल प्रतियोगिताए तथा समाज के प्रतिभाशली विद्यार्थियों के लिए अध्ययन, अध्यापन व सम्मान समारोह आयोजित किये जाये तो सही समाज द्वारा भी कन्हैया लाल सैनी के प्रति सम्मान होगा।