श्री किशनलाल साँखला
सरकारी सेवा से निवृत समाज सेवा में प्रवृत
जैतारण (पाली) निवासी श्री किशनलाल साँखला पुज श्री राम सुख साँखला प्रधानाचार्य रा. मा.वि. आगोलाई (जोधपुर ) से राजकीय सेवा से 35 वर्षीय गौखमयी, अनुकरणीय, उत्कृष्ट एवम समर्पित भाव से सफलता पूर्वक सुखद सेवा पूर्ण कर दिनांक 30 जून 2013 को सेवा निवृत हुए। आपने प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा अपनी जन्म भूमि जैतारण से प्राप्त कर स्नातक की शिक्षा (उपाधि) सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय, ब्यावर से प्राप्त की तत्पश्चात स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में हिन्दी तथा संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर जयपुर से शिक्षा शास्त्री (B.Ed.) एवं हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय से एम.एड. (M.Ed.) की उपाधि के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
सितम्बर 78 से जुलाई 83 तक स. अध्यापक रा.मा.वि. बगड़ी नगर (पाली), सितम्बर 83 से जुलाई 84 तक वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) रा.मा.वि. चेराई (जोधपुर), अगस्त 84 से अक्टूम्बर 87 तक वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) रा.मा.वि बर (पाली), नवम्बर 87 से जनवरी 90 तक व्याख्याता (संस्कृत) रा.उ. मा.वि. सांचौर (जालौर), जनवरी 90 से जुलाई 07 तक व्याख्याता (संस्कृत) रा.उ.मा.वि. महिला बाग (जोधपुर), जून 10 से मई 10 तक शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी उपनिदेशालय (माध्य.) जोधपुर। 11 मई 13 से 30 जून 13 तक प्रधानाचार्य रा.उ.मा.वि. आगोलाई (जोधपुर) सरकारी सेवा में रहते हुए आपने जोधपुर सांचौर (जालौर) फालना, जैतारण (पाली) क्षेत्रों की अनेक सामाजिक संस्थाओं में पदाधिकारी के रूप में जुड़े रहे और आपकी शानदार सेवाओं से समाज लाभान्वित हुआ।
1983 से 93 तक जैतारण से प्रकाशित माली दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का 10 वर्ष तक सफल प्रकाशन कर समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरूद्ध जंग छेड़ी और समाज के लोगों से मृत्यू भोज नहीं करवाने के शपथ पत्र भरवाए जिसका परिणाम आज समाज में प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है तथा जैतारण माली समाज के लोग बारहवां के पहले उस घर का पानी भी नहीं पिते है। समाज में श्रेष्ठ रीति रिवाजों की स्थापना में श्री किशन लाल साँखला की अहम् भूमिका रही।
आपने समाज की अनेक पत्र पत्रिकाओं, निर्देशिकाओं, परिच पुस्किाओं का सफल प्रकाशन किया। महात्मा फुले जागृति (मासिक) माली सैनी संदेश जैसी पत्रिकाओं के परामर्शदाता के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई जो आज भी जारी है।
अपने विचारों के अनुरूप समाज सेवा के निमित एक सेवा संस्थान (मारवाड़ नर नारायण सेवा संस्थान रजि.) की स्थापना अपनी ओर से संस्थान को एक लाख रूपया देकर की ओर संस्थापक सदस्य बनें यह संस्थान सभी वर्गों के निर्धन, असहाय, असहय, अवांछित जनों की निस्वार्थ व समर्पित भाव की सेवा की दृष्टि से गठित की गई जिसका व्यापक जन समर्थन एवम् सहयोग ( सभी जाति वर्ग व सम्प्रदाय का ) मिल रहा है। संस्थान का पंजीयन (10.2013.14) किया जा चुका है एवम् जैतारण बैंक में ( खाता संख्या 611886582890 ) खुलवाया जा चुका है सेवा की भावना रखने वाले सभी व्यक्ति संस्थान से जुड़ कर अपना सेवा, समर्थन, सहयोग प्रदान कर सकते है।
संस्थान का अन्तिम लक्ष्य एक ही स्थान पर सेवाग्राम स्थापित करना है, जहां पूर्ण स्वाभिमान के साथ में उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएँ प्रधान की जा सके जिससे वे स्वयं को भारतीय नागरिक समझने में गर्व महसूस करें एवम् स्वयं को राष्ट्र की विकास धार से जुड़ा हुआ समझें।
श्री किशनलाल सांखला के सेवानिवृति पर समाज के अनेक संगठनों एवं संस्थाओं ने उन्हें हार्दिक बधाई प्रेषित की।