मूमल देवड़ा (एन.आर.आई.)
विदेशों में पली बढ़ी मूमल और राजस्वी देवड़ा भारत में अपनी प्रतिभा से अनेकों पुरस्कारों से हो रही सम्मानित छोटे भाई गौरव सिंह देवड़ा ने भी टेनिस में राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों खिताब जीत परिवार को किया गौरवान्वित
जोधपुर। समाज के विदेश से भारत आएं दम्पति मीना देवड़ा और कुलदीप सिंह देवड़ा की छोटी बेटी मूमल देवड़ा एक एन.आर.आई. हैं, जो 2013 में अपने परिवार के साथ भारत आई थीं। वह कक्षा 3 से राजमाता कृष्णा कुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में छात्रा हैं और हाल ही में उन्हें स्कूल हेड गर्ल के रूप में नियुक्त किया गया है। उसने हमेशा माना है कि परिवार, दोस्तों और शिक्षकों से प्रेम से बड़ी कोई प्रेरणा नहीं है। वह करंट अफेयर्स के बारे में जागरूकता और सांसारिक • सिद्धांतों की समग्र समझ का श्रेय अपने पिता को देती है, जिन्होंने उसे कभी भी सीखने और बढ़ने से प्रतिबंधित नहीं किया। अंग्रेजी भाषा में उनकी मां के बौद्धिक कौशल ने उन्हें हमेशा पढ़ना और लिखना जारी रखने का आग्रह किया है और वह अपनी मां से जो साहस देखती है, वह उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। वह अपनी बोलने की प्रतिभा का श्रेय अपनी बड़ी बहन को देती हैं, जो उनसे बहुत पहले पोडियम पर बोलती थीं और उनकी यात्रा के लिए मार्गदर्शक बन उसके दृढ़ संकल्प का स्रोत कुछ ऐसा है जो उसने अपने भाई से सीखा है जो वास्तव में उससे छोटा है लेकिन टेनिस खिलाड़ी बनने के उसके सपने उसके वर्षों से कहीं आगे तक पहुँच जाते हैं। उनकी सफलता की कहानी में मैदान पर कई खिलाड़ी हैं, सभी एक टीम के रूप में एक साथ काम कर रहे हैं ताकि उनके पास जो कुछ भी है उसका अधिकतम लाभ उठा सकें और सितारों के ऊपर और बाहर शूट कर सकें। उसकी कहानी उसके आगे एक बहुत लंबे और समृद्ध जीवन की आशाओं के साथ ही शुरू हुई है।
मूमल की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियां है :
- एमजीडी जयपुर, आईपीएससी लिटरेरी फेस्ट : बेस्ट परफॉर्मेंस, बेस्ट पर्स्यूसिव स्पीच, बेस्ट प्रपोजल आईपीएससी डांस फेस्ट, आर.के.के. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- सनबीम सनसिटी, आइडिया कॉन्क्लेव : सर्वश्रेष्ठ स्पीकर पुरस्कार
- सनबीम लहर तारा (क्रिटिकल थिंकिंग राउंड टेबल) : बेस्ट एक्सटेम्पोर (प्रारंभिक दौर)
- ईस्ट इंडिया डिबेट्स – 2 : बेस्ट स्पीकर और मोस्ट प्रॉमिसिंग स्पीकर
- रोटरी क्लब डिबेट – 2 : सर्वश्रेष्ठ स्पीकर
- साई इंटरनेशनल स्कूल, ‘जर्नलिज्म विदाउट फियर’ : बेस्ट कलर स्टोरी (मूड बोर्ड)
- एमराल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल, (नॉलेज कन्वर्जेस आर्क) : बेस्ट स्पीकर (सेमीफाइनलिस्ट)
- आर.के.के. मुन : सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि (यूएनएचआरसी)
आपकी बड़ी बिटिया राजेस्वी देवड़ा ने रैंबलिंग्स एंड इंक स्मजज नाम से एक किताब प्रकाशित की है। वह संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस में जैव रसायन और आणविक जीव विज्ञान का अध्ययन करने वाली 20 वर्षीय प्री-मेडिकल छात्रा वह राजमाता कृष्णा कुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जोधपुर की 2020 की पूर्व छात्रा हैं, जहाँ वह हाउस कैप्टन भी थीं। रैंबलिंग एंड इंक समज, राजेस्वी (छद) नाम शोना राइम्स द्वारा लिखी गई कविताओं का एक संकलन है, और यह एक युवा लड़की द्वारा महसूस की गई भावनाओं और भावनाओं की एक सुंदर अभिव्यक्ति है जो सीखती है कि खुद को कैसे विकसित किया जाए। यह पहली किताब है जिसे उन्होंने प्रकाशित किया है और उम्मीद है कि कई में से पहली है। राजेस्वी ने अपने पिता के कार्यालय में नौ साल की उम्र में कविता लिखना शुरू किया
और कहा कि वह जीवन से ही प्रेरित हैं उनके माता-पिता, दादा-दादी, छोटी बहन मूमल देवड़ा और छोटा भाई गौरव सिंह देवड़ा मूमल एक बेहतरीन लेखक और वक्ता है, जबकि गौरव एक भावुक और मेहनती टेनिस खिलाड़ी हैं।
कुलदीप सिंह एवं मीना देवड़ा के परिवार के सबसे छोटे सदस्य 12 वर्षीय बेटे गौरव सिंह देवड़ा ने राष्ट्रीय रैकिंग के खिलाड़ियों को क्वार्टर फाइनल में (6-2, 6-0 ) सेमिफाइनल में (6-1, 6-0) और फाइनल में (6-1, 6-0 से मात देकर एकल
प्रतियोगिता का खिताब जीत कर जोधपुर को गौरवान्वित किया। वही गौरव ने अहान तापड़िया के साथ डब्लस में बैंगलोर के संजय और माधव से उपविजेता रहे। जोधपुर लौटने पर परिवार जनों सहित जोधपुर वासियों ने मुंह मीटा करका कर बधाई दी। गौरव ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता मीना एवं पिता कुलदीप को दिया और अने सभी शुभेच्छु परिवारजनों सहित मल्लीनाथ टेनिस अकादमी को दिया। ज्ञात रहे बहुमुखी प्रतिभा के धनी गौरव पहले भी कई चैंपियनशिप और टूर्नामेंट में इतनी छोटी से उप में अपने शहर जोधपुर की कई पदक दिलाकर गौरवान्वित कर चुके है।
हम सभी गौरव के साथ ही उनकी बड़ी बहनें राजेस्वी और मूमल को भी हार्दिक बधाई प्रेषित करते है कि उन्होंने विदेश में रहकर भी भारतीय संस्कृति एवं संस्कार को अपनाएं रखा और इसका सबसे बड़ा श्रेय इनके माता श्रीमती मीना एवं पिता कुलदीप सिंह देवड़ा को जाता है कि परिवार अपने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनकी प्रतिभाओं को निखारने के लिए हर संभव मदद कर उनका हाँसला बढ़ाया जिस कारण आज परिवार के तीनों बच्चों ने माता पिता परिवार के साथ ही समाज और जोधपुर को नाम देश विदेश में रोशन किया है। माली सैनी संदेश परिवार सभी के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करता है।